कॉन्सुलर कार्य विदेश में भारतीय मिशन/पोस्ट के अधिकारियों को सौंपे जाने वाले कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा तैयार करते हैं| ऐसा करने के लिए अधिकारियों को सरकार द्वारा बनाए गए कई एक्ट्स और नियमों को देखना पड़ता है जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही मानकों पर सही हो | कॉन्सुलर के कर्तव्यों में मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:-
विदेशों में भारतीयों का कल्याण,
भारतीय नागरिकों के लिए वित्तीय सहायता और भारतीय नागरिकों का देश - प्रत्यावर्तन,
भारतीय नागरिकों, भारतीय नाविकों के निवास से संबंधित पूछताछ,
वकालतनामा, वसीयतनामा, शपथ पत्र, हलफनामा शिपिंग दस्तावेज और व्यापारशिक्षा आदि से संबंधित दस्तावेज़ों का सत्यापन,
भारतीय नागरिकों के जन्म और मृत्यु का पंजीकरण,
विशेष विवाह अधिनियम 1969, विदेश विवाह अधिनियम 1969 और वहाँ के नियमों के तहत विवाह और तलाक,
भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी, कॉन्सुलर की पहुँच,
भारतीय नागरिकों की मृत्यु, मृत्यु का मुआवज़ा और उसका प्रेषण,
विदेश में भारतीयों की संपत्ति, संपदा और वसीयत,
युद्ध क्षति मुआवज़ा/ पेंशन/भविष्य निधि,
विदेशों में भारतीयों के खिलाफ सिविल और आपराधिक कार्यवाही, और
प्रत्यर्पण संधि, पारस्परिक कानूनी सहायता पर समझौता, अनुरोध पत्र, रोजेटरी पत्र, कानूनी नोटिस / सम्मन का हस्तांतरण, आपराधिक मामलों में गवाहों का परीक्षण और दोषी ठहराए गए अपराधियों के हस्तांतरण के कार्यान्वयन के लिए विदेशी सरकारों के साथ संपर्क।
उपरोक्त बताए गए एक्ट्स को निर्धारित करने की नीति सीपीवी विभाग के कॉन्सुलर शाखा द्वारा संबंधित मंत्रालयों/विभागों के साथ परामर्श से बनाई गई है । कॉन्सुलर शाखा को विभिन्न मुद्दों जैसे भारतीय नागरिकता, विदेशियों द्वारा बच्चों को गोद लेना, कॉन्सुलर संबंध, भारत में विदेशियों की गिरफ्तारी/मृत्यु, दस्तावेज़ों का वैधीकरण, अपौस्टिल व्यवहार का क्रियान्वयन तथा राजनयिक और कॉन्सुलर अधिकारी(शपथ और शुल्क) एक्ट 1948 के संशोधित रूप का प्रबंधन करना इत्यादि की जिम्मेदारी भी सौंपी गयी है। यह एक्ट प्रत्येक राजनयिक या कॉन्सुलर अधिकारी जो किसी भी देश या स्थान पर जहाँ वे अपने कर्त्तव्य का निर्वाह कर रहे हैं, उनको किसी भी शपथ के प्रबंधन, हलफ़नामे की स्वीकृति तथा कोई भी नोटरी कार्य करने के अधिकार प्रदान करता है , कोई भी नोटरी जो भारतीय संघ के किसी राज्य के भीतर की जा सकती हो; प्रत्येक शपथ, हलफ़नामा और नोटरी कार्य की व्यवस्था , जो ऐसे व्यक्ति के द्वारा या सामने ली गई हो जो भारत के किसी भी राज्य में किसी वैध प्राधिकारी के द्वारा या सामने की जाती है |एक्ट की धारा 6 , केन्द्रीय सरकार को विभिन्न प्रकार की कॉन्सुलर सेवाओं के क्रियान्वयन के लिए शुल्क की श्रेणी को निर्धारित करने का अधिकार प्रदान करती है। संलग्न की गई तालिका राजनयिक और कॉन्सुलर अधिकारी (शुल्क) नियम, 1949 में संशोधन के अनुसार, कॉन्सुलर कार्यों की व्यापक रेंज को कवर करता है। 'शिपिंग' से संबंधित विभिन्न कार्यों को करने का अधिकार मर्चेंट शिपिंग अधिनियम 1958 से, कॉन्सुलर अधिकारियों को प्राप्त हुआ है | 1 अप्रैल, 2002 से प्रभावी कॉन्सुलर शुल्क की तालिका संलग्न की गई है | (परिशिष्ट)
निम्नलिखित एक्ट और नियम कॉन्सुलर कार्यों को निर्देशित करते है:-
नागरिकता एक्ट 1955 के रूप में संशोधित, नागरिकता नियम, 1956
नागरिकता(दूतावास पर पंजीकरण) नियम 1956, के रूप में संशोधित
विदेशी विवाह एक्ट 1969 एवं विदेशी विवाह नियम,1970
विशेष विवाह एक्ट 1954; विशेष विवाह (राजनयिक एवं कॉन्सुलर अधिकारी) नियम, 1955 राजनयिक और कॉन्सुलर अधिकारी (शपथ और शुल्क) एक्ट, 1948,
प्रत्यर्पण एक्ट 1962, के रूप में संशोधित
मर्चेंट शिपिंग एक्ट, 1958, के रूप में संशोधित
मर्चेंट शिपिंग (भारतीय जहाज़ों का पंजीकरण) नियम, 1960
मर्चेंट शिपिंग (व्यथित नाविक) नियम, 1960
एस.वी. (स्टेटमेंट ऑफ क्रू) नियम, 1960
मर्चेंट शिपिंग (क्षति और बचाव) नियम, 1974
राष्ट्रीय समुद्री करार
मुख्यालय (सीपीवी प्रभाग) पर दस्तावेजों के सत्यापन के लिए संबंधित कार्य 1 मार्च, 2012 से परीक्षण हेतु तीन महीने के लिए आउटसोर्स किया गया है और दस्तावेज़ों के सत्यापन के लिए एकत्रण/वितरण निम्नलिखित पांच एजेंसियों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। सत्यापन के लिए दस्तावेज़ों को नीचे उल्लिखित एजेंसियों में से किसी एक के पास जमा किया जाना चाहिए:-
मैसर्स सुपर्ब एंटरप्राइजेज, एससीओ 23, 24 और 25, कार्यालय नंबर 4, क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के नज़दीक, सेक्टर 34ए, चंडीगढ़-160 022 फोन: 0172 - 2601075
निर्देश: उपर्युक्त एजेंसियों द्वारा दस्तावेज़ की प्रत्येक प्रति पर चार्ज किया जाने वाला सेवा शुल्क निजी दस्तावेज़ के लिए 22/- रूपए, शैक्षिक दस्तावेज़ के लिए 18/- रूपए और वाणिज्यिक दस्तावेज़ के लिए 16/- रूपए है। यह सेवा शुल्क 50/- रूपए के पोस्टल ऑर्डर शुल्क के अलावा है जिसकी आवश्यकता प्रत्येक दस्तावेज़ पर अपौस्टिल के लिए पड़ती है ।